
दिल्ली में यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो सेंटर में अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि एम्बैसेडर माइकल फ्रोन का भाषण
करीब 70 साल पहले प्रधानमंत्री नेहरू ने कंस्टीट्एंट असेंबली में भारत की स्वतंत्रता के अवसर पर भविष्य के अपने विजन का वर्णन करते हुए कहा थाः एक देश जिसे स्वतंत्रता, ‘‘पीड़ा और बलिदान’’ से प्राप्त हुई हो वह दुनिया में शांति और मानव कल्याण के उपकरण के रूप में कार्य करेगा।