31 जुलाई, 2014 को अमेरिका की सेक्रेटरी केरी ने भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ नई दिल्ली में पांचवें भारत-अमेरिका रणनीतिक डायलॉग की सहअध्यक्षता की। सेक्रेटरी केरी के साथ अमेरिकी कॉमर्स सेक्रेटरी पेन्नी प्रिट्जकर अाैर अमेरिकी एजेंसियों जिसमें ऊर्जा विभाग, होमलैंड सिक्यूरिटी, और नासा के अधिकारी भी शामिल थे। द्विपक्षीय व क्षेत्रीय मुद्दों पर बातचीत में अन्य पहलुअों सहित भारत-अमेरिकी आर्थिक संबंध, आतंकरोधी प्रयास, क्षेत्रीय सुरक्षा योजनाअों, लाेगों में परस्पर अापसी संबंध, अाैर रणनीतिक सहयोग शामिल है। यह भारत की नई सरकार के चुने जाने के बाद पहला अमेरिकी कैबिनेट-स्तर का दौरा था, अाैर यह भारत-अमेरिकी संबंधों के रणनीतिक महत्व को रेखांकित करता है।
परमाणु अप्रसार, आतंकवाद का मुकाबला करने और सैनिक सहयोग से संबंधित मुद्दों का समाधान रणनीतिक सहयोग कार्य समूह करेगा। दोनों सरकारों के बीच जारी गतिविधियां निम्न है, जो दोनों सरकारों के बीच रणनीतिक सहयोग को आगे बढ़ा रही हैं।
- अफ्रीका में पीसकीपिंग कोआपरेशन को रेखांकित करते हुए राजदूत वर्मा का वक्तव्य, 25 जुलाई, 2016
जैसाकि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने हाल के संबोधन में अमेरिकी कांग्रेस के लिए कहा है, ‘‘मजबूत भारत-अमेरिका भागीदारी एशिया से लेकर अफ्रीका तक और हिंद महासागर से लेकर प्रशांत महासागर तक शांति, समृद्धि और स्थायित्व ला सकती है।’’ - संयुक्त वक्तव्यः अमेरिका और भारतः 21वीं सदी के स्थायी वैश्विक भागीदार, 7 जून, 2016
नेताओं ने अपने रणनीतिक संदर्भों में बढ़ते झुकाव को स्वीकार किया तथा एक दूसरे की सुरक्षा और समृद्धि के लिए निकटता से निवेश जारी रखने पर जोर दिया। - डिफेंस सेक्रेटरी कार्टर के 10 से 13 अप्रैल के भारत दौरे पर भारत-अमेरिका का संयुक्त वक्तव्य, 12 अप्रैल, 2016
वैश्विक शांति, समृद्धि और स्थायित्व में अमेरिका और भारत के साझा हित गहरे व स्थायी हैं । - “अमेरिका के एशिया-प्रशांत में बढ़ते सुरक्षा नेटवर्क” पर काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस में डिफेंस सेक्रेटरी एश कार्टर का वक्तव्य, 8 अप्रैल, 2016
संयुक्त रणनीतिक विजन वक्तव्य में हमें हैंडशेक का प्रतिबिंब दिखाई देता है, जिसे राष्ट्रपति ओबामा और प्रधानमंत्री मोदी ने गत जनवरी में जारी किया था, और अमेरिका-भारत रक्षा संबंधों के लिए 2015 का फ्रेमवर्क है, जिसे रक्षा मंत्री पर्रिकर और मैंने गत वर्ष दिल्ली में साइन किया था। डिफेंस फ्रेमवर्क आधार है और यह आगामी दशक में अमेरिका-भारत रक्षा संबंधों का मार्गदर्शन करेगा। - वैविश्वक परमाणु सुरक्षा को मजबूत बनाए रखने के लिए कार्रवाई पर संयुक्त वक्तव्य, 1 अप्रैल, 2016
संयुक्त वक्तव्य हम इन लक्ष्यों को निर्धारित करने में सहयोग करने और संपर्क समूह का कार्य करने में सहयोग करने के इच्छुक सभी देशों की भागीदारी का स्वागत करते हैं। - राजदूत रिचर्ड आर. वर्मा का भाषण “संपूर्ण क्षेत्र में भारतीय नेतृत्व को सहयोग”, 22 फरवरी, 2016
स्पष्ट रूप से जैसे प्रायः याद दिलाया जाता है कि हमारे दोनों देशों के लिए अंतर्राष्ट्रीय आतंक का खतरा एक निर्णायक चुनौती बना हुआ है। - समुद्रों के माध्यम से संगठित हुए! भारत का आईएफआर2016
भारत की अंतर्राष्ट्रीय फ्लीट रिव्यू में अमेरिकी मिसाइल क्रूजर यूएसएस एंटीटम और मिसाइल डिस्ट्रॉयर यूएसएस मैक्कैंपबेल ने बहुत रुचि पैदा की है। इसे भारतीय नौसेना आयोजित किया था, इस उत्सव में अमेरिकी मुख्य नेवी ऑपरेशंस एडमिन जॉन रिचर्डसन डेक पर थे।