रिचर्ड वर्मा भारत में अमेरिका के 25वें राजदूत के रूप में कार्यरत हैं। उनका नामांकन सितंबर 2014 में राष्ट्रपति ओबामा ने किया था और दिसंबर, 2014में अमेरिकी सीनेट ने उनके नाम की पुष्टि की। राजदूत वर्मा भारत में चार कांसुलेट्स और अमेरिकी सरकार की लगभग सभी एजेंसियों सहित दुनिया के सबसे बड़े अमेरिकी दूतावास का कार्यभार संभाल रहे हैं।
राजदूत वर्मा ने विधायी मामलों के असिस्टेंट सेक्रेटरी ऑफ स्टेट के रूप में कार्य किया है, जहां उन्होंने कैपिटल हिल पर स्टेट डिपार्टमेंट के प्रयासों का नेतृत्व किया है। उन्होंने कई वर्षों तक सीनेट के बहुसंख्यक नेता के वरिष्ठ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में कार्य किया है। उन्होंने प्रतिनिधि सभा में भी कार्य किया है। राजदूत अमेरिकी वायु सेना से सेवानिवृत्त हैं, वहां उन्होंने जज एडवोकेट के रूप में सक्रिय ड्यूटी पर कार्य किया है। उनके सैन्य पदकों में मेरीटोरियस सर्विस मेडल और एयर फोर्स कमेंडेशन मेडल शामिल हैं।

राजदूत का निजी क्षेत्र में विशिष्ट कैरियर है उन्होंने ग्लोबल लॉ फर्म स्टेप्टो एंड जॉनसन एलएलपी के भागीदार और अलब्राइट स्टोनब्रिज ग्रुप के वरिष्ठ सलाहकार के रूप में भी कार्य किया है। उन्होंने जनसंहार के हथियारों की रोकथाम और टेरोरिज्म कमीशन के आयुक्त के रूप में कार्य किया है और ‘‘वल्र्ड एट रिस्क’’ प्रसिद्ध रिपोर्ट के सहलेखक हैं। राजदूत वर्मा डीसी में थिंक टैंक सेंटर फॉर अमेरिकन प्रोग्रेस के नेशनल सिक्यूरिटी फैलो रहे हैं।
राजदूत वर्मा को स्टेट डिपार्टमेंट्स डिटिंग्विश्ड सर्विस अवार्ड, काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस इंटरनेशनल अफेयर्स फैलोशिप प्राप्त हुआ है, और इंडिया अब्रार्ड द्वारा 50 सर्वाधिक प्रभावशाली भारतीय-अमेरिकियों में एक का रैंक दिया गया है। राजदूत वर्मा ने जार्ज टाउन यूनिवर्सिटी लॉ सेंटर से (एलएल.एम.), अमेरिकन यूनिवर्सिटी के वाशिंगटन कॉलेज ऑफ लॉ से (जेडी) लीहाई यूनिवर्सिटी से (बीएस) की उपाधियां प्राप्त की हैं।