नई दिल्ली में अमेरिकी दूतावास दुनिया के सबसे बड़े डिप्लोमैटिक मिशनों में एक है। यह इस बात को प्रतिबिंबित करता है कि अमेरिका भारत के साथ रिश्तों को कितना महत्वपूर्ण मानता है। दूतावास अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट से लेकर फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन तक 17 अमेरिकी संघीय सरकारी एजेंसियों का प्रतिनिधित्व करता है। पूरे देश में अमेरिका-भारत संबंधों में मजबूती सुनिश्चित करते हुए दूतावास चार कांसुलेट्स —मुंबई, कोलाकाता, चेन्नई और हैदराबाद के कामकाज में समन्वय स्थापित करता है। इसके साथ ही दूतावास बंगलोर के निवासियों के लिए वेबसाइट के द्वारा वर्चुअल कांसुलेट भी संभालता है।
अमेरिकन सेंटर दूतावास का सांस्कृतिक केंद्र है जो कला प्रदर्शिनियों, पुस्तक विमोचन और संगीत कार्यक्रम प्रस्तुत करता है। यह कनाट प्लेस में 24 कस्तूरबा गांधी मार्ग, नई दिल्ली पर स्थित है। इसमेंअमेरिकन लाइब्रेरी है जो एक सार्वजनिक लाइब्रेरी है और सोमवार से शनिवार खुलती है।
1947 में भारत के स्वतंत्र होने पर राजदूतों का आदान-प्रदान करने वाला अमेरिका पहला देश था। अमेरिका-भारत के कूटनीतिक संबंधों के इतिहास के बारे में अधिक जानकारी के लिए जुलाई/अगस्त 2007 का स्पैन अंक देखें। आज, अमेरिका-भारत द्विपक्षीय संबंध पांच स्तंभों पर आधारित हैं:रणनीतिक सहयोग, ऊर्जा एवं जलवायु परिवर्तन; शिक्षा एवं विकास; अर्थव्यवस्था, व्यापार एवं कृषि;विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य व नवप्रवर्तन।
नई दिल्ली, चाणक्यपुरी में वर्तमान दूतावास का डिज़ाइन आर्केटेक्ट एड्वर्ड डी. स्टोन ने बनाया था और इसकी शुरुआत 1959 में की गई थी। दूतावास के इतिहास के बारे में और पढ़ें। चांसरी के साथ ही राजदूत का आवास है, जिसे रूज़वेल्ट हाउस कहते हैं।
वीडियोः नई दिल्ली में अमेरिकी दूतावास का उद्घाटन, जनवरी 1959