वायु गुणवत्ता डेटा

भारत में अमेरिकी दूतावास और कांसुलेट्स जनरल ने हाल ही में ऑन-साइट मापक यंत्रों द्वारा वायु गुणवत्ता निगरानी कार्यक्रम की स्थापना की है। भारत सरकार और राज्य सरकार की एजेंसियां भी पूरे भारत के शहरों की सार्वजनिक रूप उपलब्ध वायु गुणवत्ता की जानकारी देते हैं। निम्नलिखित लिंक नई दिल्ली, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता और मुंबई में भारत सरकार और स्थानीय सरकारी निगरानी स्टेशनों के अतिरिक्त आंकड़ों के सहित अमेरिकी दूतावास और कांसुलेट के वायु गुणवत्ता निगरानी यंत्रों के डेटा उपलब्ध कराते हैं।

  • अमेरिकी दूतावास के वायु प्रदूषण जांच-यंत्र चाणक्यपुरी क्षेत्र की जांच करते हैं। प्रदर्शित आंकड़े अमेरिकी ईपीए वायु गुणवत्ता सूची है।
  • सेंट्रल पॉलूशन कंट्रोल बोर्ड की वायु प्रदूषण निगरानी साइट्स दिलशाद गार्डन, आईटीओ, शादीपुर, दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग और द्वारका क्षेत्र की जांच करती हैं। प्रदर्शित आंकड़े केवल अपरिष्कृत सघनता के हैं और एयर क्वलिटी इंडेक्स में परिवर्तित नहीं किए गए हैं।
  • अमेरिकी कांसुलेट जनरल का वायु प्रदूषण जांच यंत्र गोपालपुरम क्षेत्र की निगरानी करता है। प्रदर्शित आंकड़े अमेरिकी ईपीए वायु प्रदूषण सूची है।
  • सेंट्रल पॉलूशन कंट्रोल बोर्ड वायु प्रदूषण निगरानी साइट्स आलंदुर, आईआईटी और मनाली क्षेत्रों की निगरानी करती हैं। प्रदर्शित आंकड़े केवल अपरिष्कृत सघनता के हैं और एयर क्वालिटी इंडेक्स में नहीं बदला गया है।
  • तमिलनाडु पॉलूशन कंट्रोल बोर्ड वायु प्रदूषण निगरानी साइट्स अदायार, किलपॉक, अन्ना नगर, और टी नगर क्षेत्रों की निगरानी करती हैं। प्रदर्शित आंकड़े केवल अपरिष्कृत सघनता के हैं और एयर क्वालिटी इंडेक्स में नहीं बदला गया है।
  • अमेरिकी कांसुलेट जनरल का वायु प्रदूषण जांच यंत्र सिकंदराबाद क्षेत्र की निगरानी करता है। प्रदर्शित आंकड़े अमेरिकी ईपीए एयर क्वालिटी इंडेक्स है।
  • सेंट्रल पॉलूशन कंट्रोल बोर्ड की वायु प्रदूषण निगरानी साइट सांथानगर क्षेत्र की जांच करती हैं। प्रदर्शित आंकड़े केवल अपरिष्कृत सघनता के हैं और एयर क्वालिटी इंडेक्स में नहीं बदला गया है।
  • आंध्र प्रदेश पॉलूशन कंट्रोल बोर्ड वायु प्रदूषण जांच साइट्स हैदराबाद में नौ निगरानी स्टेशनों की जांच करती हैं। हालांकि आसपास के निगरानी क्षेत्र के बारे में नहीं बताया गया है। यह लिंक केवल वार्षिक औसत सघनता के रुझान उपलब्ध कराता है।
  • अमेरिकी कांसुलेट जनरल का वायु प्रदूषण निगरानी यंत्र पार्क स्ट्रीट क्षेत्र की निगरानी करता है। प्रदर्शित आंकड़े अमेरिकी ईपीए एयर क्वालिटी इंडेक्स हैं।
  • पश्चिमी बंगाल प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की वायु प्रदूषण निगरानी साइट्स रवींद्रभारती, विक्टोरिया मेमोरियल, उल्टादंगा, मौलाली, बैशनाबघाट और बेहला चैरास्ता क्षेत्र की निगरानी करती हैं। प्रदर्शित आंकड़े केवल अपरिष्कृत सघनता के हैं और इन्हें एयर क्वालिटी इंडेक्स में परिवर्तित नहीं किया गया है।
  • अमेरिकी कांसुलेट जनरल के वायु प्रदूषण निगरानी यंत्र बांद्रा क्षेत्र की निगरानी करता है। प्रदर्शित आंकड़े अमेरिकी ईपीए एयर क्वालिटी इंडेक्स के हैं।
  • सेंट्रल पॉलूशन कंट्रोल बोर्ड वायु प्रदूषण निगरानी साइट ओरली क्षेत्र की निगरानी करती है। प्रदर्शित आंकड़े अपरिष्कृत सघनता के और इन्हें एयर क्वालिटी इंडेक्स में परिवर्तित नहीं किया गया है।
  • महाराष्ट्र पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड वायु प्रदूषण निगरानी साइटें सिओन, बांद्रा और वोरली क्षेत्र की निगरानी करती हैं। प्रदर्शित आंकड़े अपरिष्कृत सघनता के हैं और इन्हें एयर इंडेक्स क्वालिटी में परिवर्तित नहीं किया गया है।
एयर क्वालिटी
इंडेक्स (एक्यूआई)
पीएम2.5
स्वास्थ्य पर प्रभाव का विवरण
पीएम2.5
चेतावनी विवरण
अच्छा
(0-50)
पीएम2.5 वायु प्रदूषण से बहुत कम या बिल्कुल खतरा नहीं। कुछ नहीं
मध्यम
(51-100)
असामान्य रूप से संवेदनशील व्यक्तियों को श्वांस संबंधी लक्षण हो सकते हैं। असामान्य रूप से संवेदनशील लोगों को लंबे समय तक या भारी परिश्रम को कम करने पर विचार करना चाहिए।
संवेदनशील समूहों के लिए अस्वास्थ्यकर
(101-150)
संवेदनशील व्यक्तियों में श्वांस के लक्षणों में वृद्धि की संभावना है, हृदय या फेफड़ों के रोग बढ़ सकते हैं और वृद्धों व हृदय रोगियों की अकाल मृत्यु हो सकती है। हृदय या फेफड़ों के रोगी, वयस्क व बूढ़े, और बच्चे अधिक समय तक या भारी परिश्रम में कमी लाएं।
अस्वास्थ्यकर
(151-200)
हृदय या फेफड़े के रोगों का बढ़ना और हृदयरोगियों तथा वृद्धों की असमय मृत्यु हो सकती है; सामान्यतः लोगों को बढ़ी श्वांस प्रभावित करती है। शेष व्यक्तियों को लंबे समय तक या भारी परिश्रम को कम करना चाहिए।
अधिक हानिकारक
(201-300)
हृदय व फेफड़े के रोगों में वृद्धि और हृदय रोगियों और वृद्धों की असमय मृत्यु; आम लोगों में श्वांस पर प्रभाव पड़ता है। हृदय व फेफड़े के रोगियों, बड़े और बच्चों को सभी शारीरिक क्रियाकलाप घरों से बाहर करने से बचना चाहिएः शेष सभी लोगों को लंबे समय तक या भारी परिश्रम करने से बचना चाहिए।
खतरनाक
(301-500)
हृदय या फेफड़े के रोग और हृदय रोगियों व बुजुर्गों की प्रत्येक को घरों से बाहर शारीरिक गतिविधियों से बचना चाहिए;