एक्सचेंजेज, अलुम्नी, शिक्षा

फर्स्ट सेक्रेटरी मैथ्यू असाडा यूजीसी एक्सचेंज अलुम्नी शिक्षक व शिक्षिकाओं के साथ।

एक्सचेंज कार्यक्रम

प्रतिवर्ष भारत में अमेरिकी दूतावास लगभग 300 लोगों को विभिन्न अल्पकालिक और दीर्घकालिक प्रोफेसनल, अकादमिक, और सांस्कृतिक एक्सचेंज कार्यक्रमों के अंतर्गत हाईस्कूल के छात्रों से लेकर मध्य करियर प्रोफेसनल्स को एक सप्ताह से लेकर दो साल की अवधि के लिए भेजता है। इनमें से कुछ विश्वव्यापी कार्यक्रम हैं जिन्हें अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट के एजूकेशनल एंड कल्चरल अफेयर्स (ईसीए) ब्यूरो द्वारा प्रायोजित होते हैं, और अन्य क्षेत्रीय कार्यक्रम हैं जो साउथ और सेंट्रल अफेयर्स ब्यूरो द्वारा वित्त पोषित होते हैं, और अन्य मिशन इंडिया के लिए विशेष होते हैं। इन एक्सचेंजेज कार्यक्रमों की और जानकारी यहां प्राप्त करें। मिशन की एक्सचेंजेज टीम भूटानी एक्सचेंज भागीदारों तथा कांग्रेस द्वारा अनुमति प्राप्त तिब्बती स्कॉलरशिप कार्यक्रम का भी समन्वय करती है। (2017 तिब्बती स्कॉलरशिप प्रोग्राम (टीएसपी) अनाउंसमेंट के लिए यहां क्लिक करें)अमेरिका-भारत एजूकेशनल फाउंडेशन (यूएसआईईएफ) हमारे द्विराष्ट्रीय अमेरिका-और भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित फुलब्राइट-नेहरू अकादमिक फैलोशिप का अलग कार्यान्वयन करता है। एक्सचेंज कार्यक्रमों के बारे में अधिक जानकारी के लिए तथा उनकी पात्रता की कसौटी तथा नामांकन प्रक्रिया, या नए कार्यक्रम का सुझाव देने के लिए कृपया हमें ExchangesIndia@state.gov. पर ईमेल करें।

अलुम्नी कार्यक्रम

एक्सचेंज कार्यक्रम में भाग लेना एक बार का कार्य नहीं है, बल्कि विचारों का आदान-प्रदान भागीदार के जीवनभर जारी रहता है। अमेरिकी सरकार द्वारा प्रायोजित एक्सचेंज कार्यक्रमों में लगभग 16,000 अलुम्नी वाला, भारत दुनिया में सबसे अधिक विविधतापूर्ण अमेरिकी सरकार के एक्सचेंज अलुम्नी समुदाय वाले देशों में एक है। (किसे अलुम्नी (पूर्व छात्र) माना जाए यह जानने के लिए यहां क्लिक करें।) वर्षों से सैकड़ों पूर्व एक्सचेंज कार्यक्रम के भागीदार भारत में महत्वपूर्ण पदों पर पहुंचते रहे हैं, इनमें चार प्रधान मंत्री, दो राष्ट्रपति, कई मंत्री और विधायकों के साथ-साथ मीडिया, नागरिक समाज, और बिजनेस क्षेत्रों के लोग सम्मिलित हैं।

यदि आप हमारे एक्सचेंज कार्यक्रमों के पूर्व छात्र है, यह देखने के लिए आप किस प्रकार इस समुदाय में शामिल हो सकते हैं हमें ExchAlumni@state.gov पर ईमेल लिखें।

जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण संरक्षण और महिलाओं और लड़कियों के सशक्तीकरण पर केंद्रित परियोजनाओं को लेकर 2016 में भारत के पूर्व छात्रों के दो समूह वार्षिक अलुम्नी इंगेजमेंट इनोवेशन फंड में भाग लेने के लिए चुने गए थे।

फोटो परिचयः कम्युनिकेशंस वर्कशॉप के लिए तिब्बती स्कॉलरशिप प्रोग्राम के पूर्व छात्रों के साथ एक्सचेंजेज टीम (मई 2016)
फोटो परिचयः कम्युनिकेशंस वर्कशॉप के लिए तिब्बती स्कॉलरशिप प्रोग्राम के पूर्व छात्रों के साथ एक्सचेंजेज टीम (मई 2016)

उच्च शिक्षा प्रोत्साहन, संस्थानिक संपर्क, और नीति समर्थन

मिशन की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में आर्थिक, वैज्ञानिक, और शैक्षिक रिश्तों पर बल देते हुए द्विपक्षीय संबंधों में सुधार करना है। भारत में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी उच्च शिक्षा प्रणाली है तथा छात्रों को अमेरिका भेजने वाला चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा देश है। मिशन ने बहुत से एक्सचेंज छात्रों, संस्थानिक भागीदारियों, और अमेरिकी उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए अवसरों को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया है।

उच्च शिक्षा विभाग, भारतीय भागीदार संस्थानों के साथ सहयोग बढ़ाने हेतु अवसरों पर विचार-विमर्श करने के लिए विश्वविद्यालय अधिकारियों, प्रशासन, और फैकल्टी से नियमित भेंट करता है। नई नेशनल एजूकेशन पाॅलिसी के मसौदे सहित यह भारतीय उच्च शिक्षा क्षेत्र में परिवर्तनों का भी अनुपालन करता है।

मिशन का पब्लिक अफेयर्स, कांसुलर, और विदेश वाणिज्यिक सेवा विभाग अमेरिकी उच्च शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिए साल भर निकटता से कार्य करते हैं, विशेष रूप से स्टूडेंट वीज़ा डे और इंटरनेशनल एजूकेशन वीक के दौरान, जो अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा पर ओपन डोर्स रिपोर्ट के प्रकाशन के अनुरूप है।

डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट की पासपोर्ट टू इंडिया योजना का उद्देश्य भारत में पढने वाले और इंटरर्नशिप कर रहे छात्रों की संख्या बढ़ाना है। फरवरी 2016 में पासपोर्ट टू इंडिया ने रूज़वेल्ट हाउस में स्वागत समारोह के बाद 150 शैक्षिक साझेदारों के लिए अमेरिकन सेंटर में एक कार्यशाला का आयोजन किया था। हजारों नामांकनों के साथ कोर्सेरा के बारे में जून 2016 में योजना का ‘‘द इंपोर्टेंस ऑफ इंडिया’’ एमओओसी शुरू किया गया।

अमेरिका-भारत 21वीं सेंचुरी नॉलेज इनीशिएटिव के पांचवें और अंतिम दौर के पुरस्कारों के लिए जून 2016 में दूतावास और यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन ने आठ शैक्षिक संस्थानिक भागीदारी परियोजनाओं की घोषणा की। योजना का उद्देश्य सहयोग को मजबूत बनाना और अमेरिका और भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों के बीच भागीदारी का निर्माण करना है।